Battery: इलेक्ट्रिक वाहनों में इस बैटरी का किया जाता है इस्तेमाल, बैटरी बदलते समय रखें इन बातों का ध्यान
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सिल्वर कैल्शियम बैटरी
सिल्वर कैल्शियम बैटरी वेट-सेल बैटरी की तुलना में बेहतर कार्य करती हैं। इनका प्रयोग इलेक्ट्रोलाइट समाधान के लिए होता है। इसमें चांदी-कैल्शियम की प्लेटों के बजाय शीशा-सुरमा की प्लेटें होती हैं।
शीशा अम्लीय बैटरी
शीशा अम्लीय बैटरी बाजार में सबसे पुरानी बैटरी में से एक हैं। ये सबसे सस्ती और उपयोगी बैटरी है। इसको वेट-सेल बैटरी के रूप में भी पहचानते हैं। लीड एसिड बैटरी की लाइफ 3 से 5 साल की होती है।
ऑटोमोटिव बैटरी
कार की हर इलेक्ट्रिक फंक्शन के लिए बैटरी जिम्मेदार होती है। आज कर इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि बैटरी कितने प्रकार की होती है और इसमें से अच्छी बैटरी कौन सी है। बाजार में कई अलग प्रकार की ऑटोमोटिव बैटरी प्रचलित हैं और लिवगार्ड हर बैटरी के साथ आपकी मदद करता है।
लिथियम आयन बैटरी
लिथियम बैटरी का उपयोग हाइब्रिड वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहनों में होता है। इस बैटरी की खासियत ये है कि ये बहुत जल्दी चार्ज हो जाती हैं और शुरुआत से ही अपनी अधिकतम शक्ति प्रदान करते हैं। ये वजन में बहुत हल्का और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जरूरी होते हैं।
कार की बैटरी लेते सलय रखें विशेष ध्यान
कार की बैटरी बदलने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखा जाता है। भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली बैटरी लेड एसिड बैटरी है। ये सामान्य समय में अधिकतम शक्ति पर 12.6 वोल्ट की शक्ति प्रदान करती है। ऐसे में जब भी बैटरी खरीदें तो उसकी जांच कर लें। बैटरियों को एम्पीयर में मापा जाता है। बैटरी में 65 प्रतिशत ओएस पानी और 35 फीसदी आसुत जल होता है।
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